Har Subah Har Shaam Tera Hindi Dard Bhari Shayari No comments हर सुबह हर शाम तेरा इंतज़ार किया करते हैं, हर एक ख्वाब मैं तेरा दीदार किया करते हैं , ख्वाहिश तो बहुत हैं जीने की तू जीना सीखा दे, ये ख्वाहिश पूरी होगी इसी आस मैं जिया करते हैं.. Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Related Posts:हसीन आँखों को पढ़ने काहसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको,… मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली.… Read Moreलगाकर आग़ सीने मेंलगाकर आग़ सीने में, कहाँ चले हो तुम हमदम ? अभी तो राख़ उडने दो, तमाशा और भी होगा…!!… Read Moreहसीन आँखों को पढ़नेहसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको,… मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली…… Read More
0 comments:
Post a Comment