अन्दाजा उस दिन का भी कर लो जब हम नजर नहीं आयेगे..
*हर चीज़ ले लेते हो दिल पर*
*बस मुझे छोड़ कर*
मोहब्बत हाथ में पहनी गयी चूड़ी की तरह होती है….
खनकती है, संवरती है और आखिर टूट जाती है….
उनके रूठने का तो मत पूछिये जनाब..
वो तो इस बात पे भी रूठे हैं कि मनाया नहीँ हमने……..
आज भी वही चाहत है मेरी, तुझे पाने की…
काश वो वक्त लौट आये, और मै पा लूँ तुझे…
जिस्म फ़िर भी, थक हार कर सो जाता है;
दिल का भी, कोई बिस्तर होना चाहिये….
जग रूठे तो कहांँ #_परवाह है मुझे…..
मगर मर #_जाऊंगी मै जो आंख तुने फेरी…!!!!
पता नहीं कितने बचेंगे हम…
जब..हम में से तुम….घटाए जाओगे…
ऐ दिल तू क्यों रोता है,
ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है..!!
अजीब सा मौसम है आज ये मन बड़ा शांत हुआ है,
ऐसा लगता है दिल का मौहब्बत में देहान्त हुआ है !!
उनका इतना सा किरदार है मेरे जीने में,
की उनका दिल धड़कता है मेरे सीने में..!!
हर किसी के हाथ से बिक जाने को तैयार नहीं है,
ये मेरा दिल है दिल ,तेरे शहर का अखबार नहीं है !!
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