जब सामना हुआ उस बेदर्द से, मुझसे मेरा दिल सवालात् करने लगा, कहता है, क्या यही है वो जिसके लिये तुने मुझे बेगाना कर दिया?? मैने कहा, अरे मेरे जिगर के टुकडे, तु भी तो उस बेदर्द को देख रूक सा जाता था..
ना वो कभी आना वो कभी आ सके ना हम कभी जा सके , ना दर्द दिल का किसी को सुना सके , बस खामोश बैठे हैं उनकी यादों में , ना उन्होंने याद किया ना हम उनको भूला सके।…Read More
Tumhari Fikraकभी तुम पूछ लिया करना कभी हम भी ज़िक्र कर लिया करेंगे, छुपाकर दिल के दर्द को एक दूसरे की फ़िक्र कर लिया करेंगे.…Read More
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