कुछ तुम को सच से नफरत थी, कुछ हम से न बोले झूट गए, कुछ लोगों ने उकसाया तुम्हें, कुछ अपने मुक़द्दर फूट गए, कुछ खुद इतने चालाक न थे, कुछ लोग भी हम को लूट गए, कुछ उम्मीद भी हद से ज्यादा थे, की मेरे ख्वाब ही सारे टूट गए..
Vo Jee Rahee Hai Mereवो जी रही है मेरे बिन कारण समझता हुँ, फिर भी याद मे उसकी क्यो इतना उलझता हुँ, मुझको है पता कि क्या है उसके मेरे दरमियान, फिर भी आज भी उसको मे अपना समझ…Read More
Samet Lo In Naajuk Palonसमेट लो इन नाजुक पलों को, न जाने ये लम्हे कल हो न हो, चाहे हो भी ये लम्हें, क्या मालुम शामिल उन पलों में हम हो न हो..…Read More
Vo Rulaakar Hans Na Paayaवो रुलाकर हँस ना पाया देर तक, जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक, गुन गुनाता जा रहा था एक फकीर, धूप रहती है ना साया देर तक..…Read More
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