Manjilen Khaamosh Hai ,Shor Karata Hindi Dard Bhari Shayari No comments मंजिलें खामोश है ,शोर करता ये रास्ता तो है, दिल्लगी का हीं सही ,साथ कोई वास्ता तो है, कौन कहता है हमारे दरमियाँ कुछ भी नहीं, नामुक़्कमल इक अधूरी अनकही दास्ताँ तो है.. Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
0 comments:
Post a Comment