क़यामत के रोज़

क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब, ख़ुदा खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की है इसने.

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