Vakt Gujarata Raha Saansen Tham

वक्त गुजरता रहा सांसें थम सी थी, मुस्कुरा रहे थे हम पर आँखों में नमी सी थी, साथ हमारे ये जहाँ था सारा पर, ना जाने क्यूँ तुम्हारी कमी सी थी..

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